Ek baar ek patni apne kavi pati se boli

Ek baar ek patni apne kavi pati se boli


एक बार एक पत्नी अपने कवि पति से बोली-
इतनी कवितायेँ लिखते हो कभी मुझ पर भी चार लाइन लिख दो

पत्नी की बात मानकर पति ने लिखा-

"तुम सींग मारती गइया सी
मैं कोने में दुबका बैल प्रिये
मैं सीधा सा पीपल का पेड़
तुम उस पर लटकी चुड़ैल"

पत्नी : ऐसी बात है तो मेरी भी चार लाइन सुन लो आप

"अगली बार ना मुझपर लिखना कुछ
घर में रहने का बड़ जायेगा रिस्क
मुझसे ज़ुबान लगाई
तो बचे कुचे बाल भी कर दूँगी सफाचट"

😂😂😂😂😂😂

Post a Comment

0 Comments